दिल्ली हिंसा पर दोनों सदनों में हंगामे के बाद कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक स्थगित; कांग्रेस ने गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा, प्रधानमंत्री से जवाब की मांग

बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ। यह 3 अप्रैल तक चलेगा। पहले दिन दोनों सदनों में दिल्ली हिंसा पर हंगामा हुआ। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी की। प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग की गई। संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने भी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने प्रदर्शन किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पर विपक्ष और खासकर कांग्रेस को नसीहत दी।


लोकसभा में नारेबाजी


लोकसभा में कार्यवाही की शुरुआत बिहार के वाल्मीकि नगर से सांसद बैधनाथ प्रसाद महतो को श्रद्धांजलि के साथ हुई। इसके बाद सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में विपक्ष ने पिछले हफ्ते की दिल्ली हिंसा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसी मामले पर जवाब मांगा। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि फिलहाल इस मुद्दे पर चर्चा के लिए हालात उपयुक्त नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हमें हालात सुधरने का इंतजार करना चाहिए। इसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है।” हालांकि, विपक्ष ने उनकी बात नहीं सुनी। हंगामा फिर हुआ और सदन की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।  लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के हंगामे से नाराज संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “यहां वो लोग हंगामा कर रहे हैं जिन्होंने 1984 के सिख दंगों में 3000 हजार लोगों के मारे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की थी।” संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है।


आजाद बोले- केंद्र सरकार सोती रही
राज्यसभा में भी सभापति वेंकैया नायडू ने कांग्रेस, वाम दलों, टीएमसी, एसपी, बीएसपी और डीएमके की लगातार नारेबाजी के बाद कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे स्थगित कर दी। दोनों ही सदनों में विपक्ष ने दिल्ली हिंसा पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली हिंसा पर प्रधानमंत्री के बयान और गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तीन दिन हिंसा होती रही और केंद्र सरकार इस दौरान सोती रही। उसने कोई कार्रवाई नहीं की। नायडू ने कहा कि दिल्ली में हालात अभी सामान्य नहीं हैं। इस जरूरी मुद्दे पर चर्चा हालात सामान्य होने के बाद की जा सकती है। 


संसद परिसर में प्रदर्शन
दिल्ली हिंसा के विरोध में सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने अलग-अलग प्रदर्शन किया। कांग्रेस के सांसदों ने नारे लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी की। इस दौरान कुछ देर राहुल गांधी भी मौजूद रहे। आप के सांसदों ने भी प्लेकार्ड्स लेकर नारेबाजी की। टीमएसी के सदस्यों ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की। 


अधीर रंजन का सरकार पर हमला


सत्र शुरू होने से पहले न्यूज एजेंसी से बातचीत में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है। चौधरी ने कहा, “कांग्रेस संसद में दिल्ली हिंसा का मामला उठाएगी। हम गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग करेंगे। देश की राजधानी में हिंसा उनकी निगरानी में हुई। यही पश्चिम बंगाल में भी हो रहा है। वहां भी गोली मारो सालों को, जैसे भड़काऊ नारे लगाए जा रहे हैं। भाजपा देश को मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है। टुकड़े-टुकड़े गैंग की असली कमान तो भाजपा के हाथ में है। धीरे-धीरे पूरा देश सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आ रहा है।”


हिंसा पर राजनीति न हो: मेघवाल
संसदीय कार्य राज्यमंत्री मेघवाल ने कहा, “सरकार दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है। विपक्षी दलों की तरफ से जो नोटिस आ रहे हैं, उसमें दिल्ली हिंसा का मुद्दा उठाया जा रहा है, सरकार भी इस मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है लेकिन किसी को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए बहस होनी चाहिए।” माना जा रहा है कि इस सत्र में सरकार सरोगेसी और टैक्स विवादों के निपटारे के लिए नए बिल ला सकती है।